सत्तू के सेवन लाभ!!

सत्तू का सेवन सभी प्रकार के पाचन संबंधी रोगों में गुणकारी पाया गया है। इसके सेवन से कब्ज की शिकायत से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। एसिडिटी के मरीज को चने के सत्तू का सेवन करते रहने से बहुत राहत मिलती है, क्योंकि इसमें मौजूद क्षार एसिडिटी को दूर करने का काम करता है।

* गर्मी के मौसम में पानी में चने का सत्तू और थोड़ा सा नमक तथा भुना हुआ जीरा मिलाकर पीने से शरीर को ठंडक प्राप्त होती है, इसलिए लू लगने का डर नहीं रहता है।

* चना कफनाशक है। यही कारण है कि रात को सोते समय एक पाव दूध में दो बड़ा चम्मच चने का सत्तू मिलाकर पीने से श्वास नली में जमा कफ सुबह निकल जाता है और खाँसी मिटती है।

* गुड़ मिलाकर चने के सत्तू का रोज सेवन करने से दस दिनों में बहुमूत्रता या बार-बार पेशाब आने की समस्या दूर हो जाती है।

* डेढ़-दो चम्मच चने का सत्तू और बादाम की पाँच गिरी खाकर ऊपर से एक पाव मीठा दूध पीने से वीर्य गाढ़ा होता है।

* रोज रात को सोते समय थोड़ी मात्रा में चने के सत्तू का सेवन करने से बवासीर के मस्सों से होने वाला रक्त का रिसाव बन्द हो जाता है।

* चने के सत्तू में गुड़ मिलाकर रोज सेवन करने और ऊपर से एक पाव दूध में एक चम्मच देशी घी मिलाकर पीने से महिलाओं की श्वेत प्रदर की शिकायत दूर हो जाती है।

* यदि कहीं गहरा घाव हो जाए, तो चने के सत्तू में अलसी का तेल मिलाकर मरहम तैयार करें। इस प्रकार तैयार किए गए मरहम के
इस्तेमाल से घाव शीघ्र भर जाता है।

What is sattu? 12 reasons why it is the new superfood | The Times ...













चने के सत्तू सेवन में सावधानी

* चने के सत्तू का अत्याधिक सेवन पेट में वायु (गैस) पैदा करता है, इसलिए आहार में इसे ज्यादा न लें, इसका ध्यान रखना चाहिए।

* पथरी के रोगियों के लिए चने के सत्तू का सेवन हानिकारक है़ इसलिए उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

* चना कोढ़ के प्रकोप में वृद्धि करता है, इसलिए कोढ़ के मरीज को चने के सत्तू का सेवन नहीं करना चाहिए।

* वर्षा ऋतु में चने के सत्तू का सेवन कम से कम करना चाहिए या फिर इसके सेवन से जहाँ तक हो सके बचना चाहिए।

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