दिल्ली के प्रदूषण में अपने शरीर को शुद्ध करें।

 हमारे आस-पास हवा की अशुद्धता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, घर के अंदर की हवा वास्तव में 2 से 5 गुना अधिक प्रदूषित और जहरीली है, जिस हवा से आप सांस लेते हैं। वर्तमान जीवनशैली में बहुत सारे प्रदूषण और हमारे शरीर के अंदर जाने वाले विषाक्त पदार्थों के साथ, प्राकृतिक उत्पादों के संपर्क में अधिक रहने की आवश्यकता है। इन प्राकृतिक उत्पादों के संपर्क में होने के नाते - ये उत्पाद हमारे शरीर को रसायनों के दुष्प्रभाव के बिना विषाक्त पदार्थों और मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं और इसे स्वाभाविक रूप से फिट और स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।


कुछ जड़ी-बूटियाँ हैं जो प्रदूषण से लड़ने में मदद करती हैं:

ब्रेथफ्री कैप्सूल (Breathfree Capsule): इसका उपयोग सांस की तकलीफ, सांस की समस्याओं, खांसी से राहत देने में किया जाता है, सांस लेने की क्षमता में सुधार करता है और एक्सफोलिएशन को बढ़ावा देता है। इस कैप्सूल की मुख्य सामग्री हैं:

पुष्करमूल की जड़ (इनुला रेसमोसा): यह कपा डोसा को संतुलित करती है और अस्थमा और ब्रोंकाइटिस में उपयोगी है।



कृष्ण तुलसी पत्ता (Ocimum sanctum): इसका सामान्य नाम पवित्र तुलसी या तुलसी है। ब्रोंकाइटिस या अस्थमा जैसे श्वसन रोगों में पत्ते उपयोगी होते हैं क्योंकि यह प्रतिरक्षा बढ़ाता है। यह कफ सिरप में भी प्रयोग किया जाता है और एक expectorant के रूप में काम करता है। लंबे समय तक ठंड और शारीरिक परिश्रम के खिलाफ चिंता और तनाव में मदद करता है।

Bibhitaki फल (Terminalia belerica): यह जीवाणुरोधी, एंटी-पाइरेटिक के रूप में काम करता है और हेपेट्रोप्रोटेक्टिव है।

पिप्पली फल (Piper longum): इसका उपयोग श्वसन रोगों में रसायण (इम्युनोमोड्यूलेटर) के रूप में किया जाता है। क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा में उपयोगी है। इसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं।

इम्यूनिटी कैप्सूल: इसमें कटुकी (पिकर्रिजा कुर्रो), कृष्णा तुलसी और वाना तुलसी शामिल हैं। यह सर्दी, फ्लू और श्वसन रोगों के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत और संतुलित करता है, सहनशक्ति बढ़ाता है और तनाव से बचाता है। यह वायरस, बैक्टीरिया और अन्य रोगाणुओं के प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को मजबूत करता है। यह एंटीऑक्सिडेंट की एक समृद्ध आपूर्ति भी प्रदान करता है

हल्दी फॉर्मूला: एंटी-एलर्जी, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। अस्थमा और एलर्जी ब्रोंकाइटिस में उपयोग किया जाता है। इसमें हल्दी प्रकंद, हल्दी का अर्क और अदरक प्रकंद शामिल हैं। यह प्राकृतिक रूप से सर्दी और खांसी से लड़ने में मदद करता है। यह स्वस्थ चमकती त्वचा को भी बढ़ावा देता है।

तुलसी की मूल चाय: न केवल तुलसी अस्थमा के लक्षणों से लड़ने में मदद करती है, बल्कि यह खांसी, सर्दी और किसी भी तरह के संक्रमण का इलाज करने में भी मदद करती है। कृष्णा तुलसी (काली / बैंगनी किस्म) में सबसे अधिक फेनोलिक तत्व होते हैं जो अस्थमा के इलाज के लिए उत्कृष्ट है।

Comments

Popular Posts